केंद्र सरकार को सुधार के साथ सातवां वेतन आयोग लागू कर देना चाहिए। अगर हमारी मांगें नहीं मानीं गई तो हड़ताल की जाएगी। यह बात ऑल इंडिया पोस्टल इंपलाइज यूनियन ग्रुप सी के अखिल भारतीय महासचिव राम निवास पराशर ने कही।
सेक्टर-30 स्थित लोबाणा भवन में ऑल इंडिया पोस्टल इंप्लाइज यूनियन ग्रुप सी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को संपन्न हो गई। बैठक में सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को सुधार के साथ लागू करने का प्रस्ताव पास किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि रिपोर्ट में तमाम नकारात्मक सिफारिशें हैं। वेतन में कोई खास बढ़ोतरी नहीं की गई है। 14.29 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है जो कि अब तक की सबसे कम अनुपात है। कटौतियां कई गुण बढ़ा दिए जाने के कारण इससे नगद वेतन कम हो जाएगा।
न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये होना चाहिए
पराशर ने बताया कि ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करने की मांग की थी, लेकिन उसे अठारह हजार रुपये किया गया है जो ठीक नहीं है। पोस्टल असिस्टेंट 50 तरह से भी अधिक काम करता है, उसे अपग्रेड स्केल दिया जाए। ग्रामीण डाक सेवक को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए। 52 प्रकार के भत्तों को समाप्त करने की सिफारिश की गई है उसे बरकरार रखा जाए। मेडिकल एडवांस खत्म करने की सिफारिश की गई है उसे लागू किया जाए।
कार्यकारिणी की बैठक को कन्फेडरेशन के महासचिव एम कृष्णन, अखिल भारतीय पोस्टल इंप्लाइज यूनियन के पूर्व महासचिव केवी श्रीधरन, ग्रामीण डाक सेवक के महासचिव पी पांडु रंगाराव, पोस्टमैन यूनियन के महासचिव आर सीता लक्ष्मी, आरएमएस यूनियन के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी केपी सिंह ने संबोधित किया।इस अवसर पर पंजाब सर्किल के नेताओं में जगदीश धीमान, मेनपाल सैनी, भानु सहाय कालिया सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
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